हमारी तैयारी के दौरान बहुत सारे प्रश्न हमारे मन में उठते है जो हमे बहुत परेशान करते है... आइए जानते हैं.... टॉपर संजना जी से
संजना :-
चूंकि मैं भी इसी प्रक्रिया से गुजर चुकी हूं तो आपके सामने क्या शंकाएं और समस्याएं आएंगी मैं समझ सकती हूं । अतः तैयारी के दौरान आने वाली समस्याएं/शंकाएं और निदान निम्न प्रकार है -
1. "हिंदी में बैकग्राउंड नही है" -
- प्रत्येक वर्ष ऐसे सिलेक्टेड कैंडिडेट्स की संख्या बहुत रहती है जो नॉन हिंदी या नॉन humanities background से है ।
- हिंदी साहित्य बहुत आसानी से समझ आने वाला विषय है तथा सिलेबस अपेक्षाकृत छोटा है
- अतः आप किसी भी विषय से हों आप यदि सही दिशा में चले तो जरूर सिलेक्ट
हो सकते है ।
2. "कितना समय दें" -
- यदि कोई दृढ़ निश्चय के साथ निरंतरता से तैयारी करें तो 2 महीने में सिलेबस आराम से हो सकता है । साथ ही रिवीजन भी ।
- अतः ये पूर्णतः आपके ऊपर ही डिपेंड करता है कि आप कितने समय में कर सकते है ।
- साथ ही एक सलाह ये भी रहेगी कि यदि केवल एंट्रेंस निकालना आपका टारगेट है तो ज्यादा जल्दी इसमें न लगें।
- शुरुआत में थोड़ा - थोड़ा कॉलेज के साथ पढ़ना शुरू करे और कॉलेज के एग्जाम्स के बाद पूरी तरह से इसमें लग सकते है।
3. "टेस्ट में स्कोर बहुत कम रहता है" -
- चूंकि आप तैयारी के साथ - साथ टेस्ट भी दे रहे होंगे इसलिए जाहिर है कि स्कोर शुरू में कम ही रहेगा
- गलत प्रश्न होने पर उनका स्क्रीनशॉट ले लें और pdf बनाते जाएं उनकी और खाली समय में उनको देखें।
- कोशिश करें कि जो प्रश्न एक बार गलत हुआ वह दोबारा न हो ।
4. "शुक्ल जी समझ नहीं आते (पढ़ते हुए बोरियत होती है और भाषा समझ नहीं आती )"
- यह लगभग सभी के साथ ही होता है। इसलिए पहली रीडिंग केवल और केवल बुक का जायजा लेने में दें कि शुक्ल जी क्या कह रहे है और किसकी प्रशंसा कर रहे है और किसकी आलोचना ।
- जैसे - जैसे तैयारी परिपक्व होती जाएगी यह समस्या भी दूर होती जाएगी ।
5. "इतने सारे फैक्ट्स याद करने है"
- इसे बोझ की तरह न लें। देखिए आप जिस विषय में मास्टर्स करना चाह रहे है और वो भी इतने बड़े संस्थान से तो आप से यह अपेक्षा तो रहेगी ही कि आपको विषय का फैक्चुअल नॉलेज तो हो ही।
- कब , क्या और कैसे हुआ...किसका महत्वपूर्ण योगदान रहा , हिंदी साहित्य के क्षेत्र में कौनसी बड़ी घटनाएं हुई और साथ ही महत्वपूर्ण रचनाएं....यह सब ज्ञान आपको होना ही चाहिए और यही exam में वे टेस्ट करते है कि आपको इस विषय की एक बेसिक समझ है या नही।
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